सच होते है संकल्प ।।

अधिकतर लोगों के मन में यह बात आ रही होगी कि भला चेक हमेशा साथ रखने से क्या होगा? आपका सोचना बिल्कुल सही है। खाली चेक साथ रखने से कुछ नहीं होगा। हां, उस चेक पर एक निश्चित राशि और एक निर्धारित तिथि अपने नाम लिखने से बहुत कुछ होगा। आज ही अपनी चेकबुक से एक चेक काटिए, उसमें अपना नाम भरिए। उसके बाद आज से दो-तीन साल बाद की तिथि मसलन 24.07.2019 डालिए। इसके बाद प्रतिदिन इस चेक को देखिए और यह तस्वीर बनाते रहिए कि आप हर हालत में इस तिथि के पूर्ण होने तक इस चेक में लिखी राशि कमा लेंगे।
1990 में लोकप्रिय हास्य अभिनेता जिम कैरी इतने प्रसिद्ध नहीं हुए थे, जितने वे आज हैं। परंतु उनके मन में लोकप्रियता के साथ ही यह आशा भी थी कि वे कुछ समय तक ढेर सारी राशि और लोकप्रियता दोनों ही हासिल कर लेंगे। उन्होंने अपनी आशा को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अपने नाम एक करोड़ डॉलर का चेक काटा और उस पर लिखा, ‘जिम कैरी को उसकी अभिनय सेवाओं के लिए।’ इसके बाद उन्होने उस चेक पर 1995 का वर्ष और तिथि डाल दी।
कई लोगों ने उनका बहुत मज़ाक उड़ाया। कइयों ने तो यहां तक कहा कि जिम तुम शायद सपनों की दुनिया में रहते हो, तभी तो यह सोचते हो कि इतनी रकम तुम्हारे पास मात्र हास्य के बल पर चली आएगी। अरे तुम पूरे जीवन इस चेक जितना धन नहीं कमा सकते। उस समय जिम कैरी ने कहा-सपनों की दुनिया हकीकत से बहुत अलग नहीं होती। मैं अपने इस सपने को जल्दी ही वास्तविक बनाऊंगा।
जिम कैरी कहते हैं कि मुझे पता था यह इतना सहजनहीं था, खासतौर पर उस समय जबकि उनकी कोई पहचान ही नहीं बनी थी, किंतु इस चेक पर लिखी गई राशि और अभिनय सेवाओं के लिए लिखी गई दोनों ही बातें जिम कैरी को आशावान और मेहनती बनाती जाती थीं। उन्होंने उस राशि को 1995 तक कमाने के लिए अथक प्रयास, कठोर मेहनत और संघर्ष करना आरंभ कर दिया। कुछ ही समय बाद इन्हीं जिम कैरी ने ‘एस वेंचुरा’ और ‘द मास्क’ जैसी फिल्मों से 08 लाख डॉलर की कमाई की। इसके बाद उन्होंने ‘डम्ब एंड डम्बर’ में अपने अभिनय से 70 लाख डॉलर कमाए। वर्ष 1995 तक वे करोड़ों डॉलर कमा चुके थे। जब उन्होंने वर्ष 1995 में अपने द्वारा लिखी निर्धारित तिथि को वह चेक देखा तो वह हर्ष से झूम उठे क्योंकि अब उस निर्धारित तिथि तक उनके पास उस चेक की रकम से तीन गुना रकम थी। वे खुशी के साथ बोले, ‘किसी भी चीज को लगातार दोहराते रहने से वह धीरे-धीरे आपकी जिंदगी में इसी तरह आ जाती है, जिस तरह मेरी जिंदगी में आई है।’
अवचेतन मन उस कार्य को पूर्ण करने में जमीन-आसमान एक कर देता है जो हम अपने मन में प्रतिदिन दोहराते जाते हैं। इसलिए जीवन में कभी भी अपने मन में नकारात्मक विचारों और व्यर्थ बातों को नहीं दोहराना चाहिए। वे लोग जो हर रोज नकारात्मक विचारों के साथ अपनी सुबह की शुरुआत करते हैं और रात्रि में भी इन्हीं नकारात्मक विचारों को अपने साथ नींद में ले जाते हैं, वे कभी भी जीत, खुशी, सुख, भरोसा और कामयाबी नहीं पा सकते। रेल्फ कैरेल का कहना है कि कोई भी अपनी सबसे ऊंची उम्मीद से ज्यादा सफल तब तक नहीं होता, जब तक कि वह ऊंची उम्मीदों से शुरुआत न करे।
मनोवैज्ञानिकों ने शोध करके इस तथ्य को उजागर कर दिया है कि हमारा अवचेतन मन यथार्थ और कल्पना में भेद करना नहीं जानता, इसलिए वह उन बातों और कार्यों को भी सच कर डालता है, जिन्हें अकसर असंभव की श्रेणी में रखा जाता है। अलेक्जेंडर ग्राहम बेल से लेकर हेनरी फोर्ड तक सभी ने असंभव जैसे कार्यों को संभव बनाकर आज व्यक्ति के जीवन को बेहद सुलभ और सुविधाजनक बना दिया है। इन सभी के अवचेतन मन ने असफलता की बात को जाना ही नहीं था। सफलता की छवि के साथ ही इन्होंने मेहनत को अपना मित्र और साथी बना लिया था, तभी ये लोग अपने जीवन में उम्मीदों से भी अधिक कामयाब हो पाए और आज पूरी दुनिया इनकी मिसाल देती है। बेन स्टीन भी कहते हैं कि कोई भी चीज़ अपने आप नहीं होती। हर चीज़ अपनी राह में तभी आती है जब आप यह समझ लेते हैं कि आपको खुद मेहनत करके उसे अपनी राह में लाना होगा।
आप आज से ही भौतिक प्रतीकों को अपने मन, घर और आईने में स्थान दीजिए। जब प्रतिदिन आपकी निगाह उन पर पड़ती रहेगी तो नकारात्मक दृष्टिकोण और विचारों का वहां कोई स्थान नहीं रहेगा। इसके साथ ही आपका मन दिन-प्रतिदिन सुघड़ होता जाएगा और आपके आंगन में जीत, खुशी व धन की बरसात होने लगेगी।

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